Kabj Ka Matlab
कब्ज का मतलब ( Kabj Ka Matlab ) :
कब्ज किसी व्यक्ति के पेट में होंने वाले उस बीमारी को कहते है जिसके कारण व्यक्ति के पेट में उपस्थित मल इतना कड़क या टाईट हो जाता है जिसके निष्कासन में व्यक्ति को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है
यह रोग व्यक्ति को अपनी ही छोटी छोटी गलतियों के कारण हो जाता है जैसे की
- शरीर की आवयश्कता के अनुसार पानी का सेवन न करने से
- समय पर भोजन न करने से
- देर रात तक भोजन करने से
- भोजन को चबा कर के न खाने से
- शराब या धुम्रपान अधिक करने से
- दवाइयों का हद से ज्यादा सेवन करने से
- पाचन में सहायक हार्मोन्स के कम बनने के कारण से
- खाए जाने खाने में फाइबर की कमी होने के कारण से
- शरीर में कैल्शियम की कमी के कारण से
पेट में कब्ज बनने के मुख्य कारण है कब्ज की परिभाषा के अनुसार शरीर में पानी की कमी के कारण पेट में जमी गन्दगी को भर निकलने में होने वाली परेशानी को कब्ज कहते है
कब्ज के लक्षण Kabj Ke Lakshan :
हमारे शरीर में कब्ज होने के कुछ लक्षण दिखाई देते है जिनको पहचान कर के कब्ज से बचा जा सकता है आइये जानते है उन लक्षणों के बारे में
कब्ज की शुरुआत में मुह से बदबू आने लगती है खट्टी डकारों के साथ जी मिचलाना या उल्टी आने की आशंका लगी रहती है पेट का हमेशा भरा भरा सा रहना या भूख न लगना, काम करने पर आलस्य आना या चक्कर आना आदि कब्ज के होने से पहले दिखाई देने वाले प्रमुख लक्षण है
कब्ज का इलाज Kabj ka ilaj :
आप अपनी लाइफस्टाइल में कुछ changes लाकर कब्ज को दूर सकते है या इससे बच सकते है\
ज्यादा पानी पिये – drink enough water
शरीर में पानी की कमी कब्ज का मुख्य कारण है. इसलिए दिन में कम से कम 2 से 3 लीटर पानी (10- 12 गिलास) जरुर पिए. इससे आपकी पाचन क्रिया में सुधार होगा और पेट सबंधी सभी बिमारियों से मुक्ति मिलेगी. खाना खाने से पहले, खाना खाते समय या खाने के तुरंत बाद पानी न पिए.
खानपान – food
अगर आपको काफी समय से Constipation है तो जितना हो सके उतना कम तला हुआ खाना और बाहर का खाना ना खाए. साथ ही अपने खाने में हरी सब्जियां, बीन्स, दाले, पत्तागोभी, मटर, ब्रोकल्ली, फल विशेषकर अमरुद और पपीते को शामिल करे. टमाटर को सलाद के तौर पर ज्यादा इस्तेमाल करे. साथ ही समय पर खाना खाए और जितनी भूख हे सिर्फ उतना ही खाए
ईसबगोल – Isabgol
ईसबगोल को संस्कृत में ‘स्निग्धबीजम्’ भी कहा जाता है. यह कब्ज और दस्त दोनों में लाभकारी है. रात को 2 छोटे चमच ईसबगोल पानी या दूध में भिगोये और चीनी डाल कर पीने से कब्ज की समस्या दूर होती है.
Exercise – व्यायाम
सुबह उठकर थोडा व्यायाम पेट के साथ साथ शरीर के लिए भी लाभदायक हे. Exercise के तौर पर आप running, साइकिलिंग, स्विमिंग कर सकते है. अगर समय नहीं मिलता तो छोटी छोटी बातो का ध्यान रखे जैसे लिफ्ट की बजाये सीढियों का इस्तेमाल, पैदल चलना आदि करे.
अलसी के बीज – Flaxseeds
अलसी के बीजो में औषधीय रूप से गुणकारी माने जाते है. अलसी के बीजो को पीसकर रात में एक चम्मच चूर्ण को पानी के साथ खाने से कब्ज से राहत मिलती है.
त्रिफला चूर्ण – triphala churna
कब्ज को दूर करने के लिए त्रिफला चूर्ण सबसे उत्तम माना जाता है. यह एक आयुर्वेदिक मिक्षण है जो आंवला, हरड़ और बहेडा के बीजो से बना है. इसलिए इसे त्रिफला यानी तीन फल कहा जाता है. रात में एक छोटा चम्मच त्रिफला चूर्ण गर्म पानी या दूध के साथ खाने से कब्ज दूर होती है.
Comments
Post a Comment