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Showing posts from January, 2018

khoon ki kami se hone wali bimari

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Khoon ki kami se hone wali bimari : दरअसल एनीमिया ऐसी स्थिति है जिसमें रक्त में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है. हीमोग्लोबिन का स्तर पुरुष और महिलाओं में अलग-अलग होता है. महिलाओं और पुरुषों में हीमोग्लोबिन का आदर्श स्तर 12 ग्राम प्रति डेसीलीटर (डीएल या 0.1 लीटर) से 18 ग्राम प्रति डीएल होता है. लेकिन यदि पुरुषों में हीमोग्लोबिन की मात्रा 12 ग्राम प्रति डेसीलीटर हो तो एनीमिया होने की आशंका ज़्यादा होती है जबकि औरतों में इतना ही हीमोग्लोबिन सामान्य होता है. ख़ून में हीमोग्लोबिन की सही मात्रा बहुत ज़रूरी होती है और हीमोग्लोबिन में रेड-ब्लड सेल्स का निर्माण और कार्यशैली भी प्रभावित होने से एनीमिया की स्थिति पैदा हो जाती है..!! एनीमिया की स्थिति 1. व्यक्ति के शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर 10-12 ग्राम प्रति डीएल हो तो ऐसी स्थिति माइल्ड एनीमिया कहलाती है ! 2. यदि हीमोग्लोबिन की मात्रा 6 से 10 ग्राम प्रति डीएल हो तो व्यक्ति को मॉडरेट एनीमिया होता है ! 3. और यदि हीमोग्लोबिन की मात्रा 6 ग्राम प्रति डीएल से कम हुई, तो सीवीयर यानी ख़तरनाक एनीमिया की स्थिति पैदा होती है जो अकस्मात् मृत्य...

motapa kam karne ke liye exercise

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motapa kam karne ke liye exercise : लगभग आजकल 100 में से 80% लोग मोटापे से परेशान हैं। इसका कारण उनके खान-पान रहन सहन, की वजह से है। मोटापा सिर्फ दिखावट के लिए खराबी का मामला नहीं है बल्कि यह हमारे लिए बीमारियों का पोटला है। जिससे सबसे ज्यादा बीमारी शरीर में हो जाती है। मोटापा में हमारे शरीर के अंगो में अनावश्यक वसा की मात्रा जुड़ जाती है जो की फिर हटने का नाम नहीं लेती है। इसलिए वसा या मोटापे को दूर करने के लिए जरूरी है की अगर आप व्यायाम कर रहे है तो इससे आपके शरीर पर जमी चर्बी खर्च होनी शुरू हो जाती है। बहुत exercise है जिनके मदद से आप अपने जल्द ही मोटापा को कम और पेट की चर्बी को घटा सकते हो। मोटापा कम करने के लिए Exercise अगर आपके दिमाग में आ रहा है की वजन घटने के लिए आहार बेहतर है तो आप सही है लेकिन अगर आप आहार के साथ साथ व्यायाम पर भी ज्यादा जोर देते है तो और भी आसान है अपने शरीर पर जमी चर्बी को मिटाना। आज हम आपको ऐसे कुछ एक्सरसाइज बताने जा रहे है जिनकी मदद से आप अपने शरीर में जमे वसा को जल्दी ही burn करके अपनी पहली अवस्था में आ सकते है। पेट की चर्बी कम करने की Exe...

Kabj Ka Matlab

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कब्ज का मतलब  ( Kabj Ka Matlab ) : कब्ज किसी व्यक्ति के पेट में होंने वाले उस बीमारी को कहते है जिसके कारण व्यक्ति के पेट में उपस्थित मल इतना कड़क या टाईट हो जाता है जिसके निष्कासन में व्यक्ति को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है  यह रोग व्यक्ति को अपनी ही छोटी छोटी गलतियों के कारण हो जाता है जैसे की  शरीर की आवयश्कता के अनुसार पानी का सेवन न करने से  समय पर भोजन न करने से  देर रात तक भोजन करने से  भोजन को चबा कर के न खाने से  शराब या धुम्रपान अधिक करने से  दवाइयों का हद से ज्यादा सेवन करने से  पाचन में सहायक हार्मोन्स के कम बनने के कारण से  खाए जाने खाने में फाइबर की कमी होने के कारण से  शरीर में कैल्शियम की कमी के कारण से  पेट में कब्ज बनने के मुख्य कारण है कब्ज की परिभाषा के अनुसार शरीर में पानी की कमी के कारण पेट में जमी गन्दगी को भर निकलने में होने वाली परेशानी को कब्ज कहते है  कब्ज के लक्षण Kabj Ke Lakshan : हमारे शरीर में कब्ज होने के कुछ लक्षण दिखाई देते है जिनको पहचान कर के कब्ज से ब...

Urinary Tract Infection Treatment

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Urinary Tract Infection Treatment : urine infection किसी को भी हो सकता है लेकिन generally ये बीमारी पुरुषो के अपेक्षा महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती है। urine infection होने के कई कारण हो सकते है जैसे की common toilet का use करना, पेशाब को ज्यादा देर तक रोकना, पेशाब करने के बाद पानी से साफ़ ना करना, आदि । इस बीमारी से बचने के लिए बस कुछ ख़ास बातों का ध्यान रखना होता है जैसे की अपने toilet को  हमेशा साफ सुथरा रखें, पेशाब लगने पर उसे तुरंत बाहर निकाल दें, public कमोड को ज्यादा use ना करे आदि । Treatment of Urine Infection अगर आप इस यूरिन इन्फेक्शन से परेशान है और कोई घरेलु इलाज खोज रहे है तो निचे दिए गए ट्रीटमेंट (जो की आयुर्वेदिक है) को अपनाकर इससे छुटकारा पा सकते हैं. तो चलिए जानते है इसके उपाय पानी ज्यादा पीयें  : Urine में infection हो जाने पर ज्यादा से  ज्यादा पानी पीना चाहिए  क्योंकि ये urine में हुए bacteria को urine के साथ बहार निकालने में help करता है । पानी ज्यादा पीने से पेशाब के दौरान होने वाली जलन भी कम हो जाती है । इसके बाद भी अगर ...

neem leaves for skin

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Neem Leaves for Skin : नीम बस एक पेड़ नहीं अपने आप में पूरा दवाखाना है | ये एक ऐसा पेड़ है जिसका अंश-अंश बहुउपयोगी है | नीम मानव समाज की सेवा हज़ारों सालों से करता आ रहा है, आइये जानते हैं हम अपने इस नीम के बारे में  नीम एक सदाबहार पेड़ है, जिसका संस्कृत नाम निम्ब और ‘अरिष्ट’ भी कहा जाता है ,इसका वैज्ञानिक नाम आज़ादिरेक्ता- इण्डिका (Azadirachta indica ) अथवा Melia azadirachta है। नीम सदा से ही भारतीय उपमहाद्वीप के देशों में पाया जाता है  नीम न सिर्फ औषधीय तत्वों के लिए विख्यात है बल्कि यह सूखे के प्रतिरोध के लिए भी जाना जाता है | यह हर मौसम में मानवता को अपनी सेवाएं प्रदान करता है,  नीम के एक पत्ते में 147 से ज्यादा रासायनिक प्रबंध होते हैं हालांकि इसका स्वाद तो कड़वा होता है लेकिन इसके लाभ और गुण अनंत हैं। तो चलिए जानते हैं कि हमारा नीम हमें कितने फायदे प्रदान करता है , जिसके बारे में हमें पता ही नहीं होता ! चेहरे के लिए नीम :  साफ़ पानी में नीम की पत्तियों को उबालकर नहाने में इस्तेमाल करने से संक्रमण, मुँहासे और दाग धब्बों से छुटकारा मिलता है । ...

lower back pain treatment

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lower back pain treatment :   कमर दर्द आज एक सामान्य सी बीमारी है जो अक्सर लोगों में देखी जा सकती है और सूत्रों की मानें तो भारत में करीब 60% लोग ऐसे हैं जो कभी ना कभी पीठ दर्द की समस्या का सामना करते हैं और कुछ तो ऐसे हैं जिन्हें अक्सर ही ये समस्या रहती है। पीठ दर्द यूँ तो कोई बड़ी बीमारी नहीं है लेकिन हाँ अगर दर्द लगातार रहे तो डॉक्टर से मिलना बहुत जरूरी है। वैसे कमर दर्द उम्र पर भी निर्भर करता है, सामान्य रूप से 35 से 55 की आयु में ये समस्या ज्यादा देखी जाती है। कमर दर्द मुख्य रूप से 3 तरह का होता है 1. Postural Syndrome : गलत तरीके से बैठने या खड़े होने से हमारी रीढ़ की हड्डी में कुछ कोशिकाओं stressed यानि दब जाती हैं और कमर के नीचे दर्द होता है इसे पोस्टुरल सिंड्रोम कहते हैं। 2. Derangement Syndrome हमारी रीढ़ की हड्डी में disc होती हैं और इन disc में एक तरल पदार्थ होता है जिसके गड़बड़ होने से दूसरे tissue(ऊतकों) पर ज्यादा प्रेशर आ जाता है, इसे ‘slipped disc’ भी कहते हैं। 3. Dysfunction Syndrome : इस तरह की समस्या हमारी मांसपेशियों, जोड़ों, स्नायु के छोटे या ...